अगर आप किसी कोर्ट के फैसले, रोक आदेश या जजों की टिप्पणी पढ़ रहे हैं और सोच रहे हैं कि असल में इसका मतलब क्या है, तो यह टैग आपके लिए है। यहां हम जजों से जुड़ी खबरें, हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के सार और उन आदेशों का असर सरल भाषा में समझाते हैं।
इस टैग में आप पाएँगे: अदालतों के ताज़ा आदेशों की ख़बरें, जजों के बयान पर विश्लेषण, और आम सवालों के सीधे जवाब — जैसे "क्या किसी को मारना कानूनी है?" या "हाई कोर्ट ने क्या रोक लगाई?"। हर लेख का मकसद यही है कि जजों के फैसलों को जटिल कानूनी शब्दों के बिना समझाया जाए ताकि रोजमर्रा के पाठक भी आसानी से समझ सकें।
उदाहरण के तौर पर हमने ऐसे पोस्ट शामिल किए हैं जो बताते हैं कि किस तरह के आदेश सार्वजनिक हित से जुड़े होते हैं, किन मामलों में रोक लगती है, और किसी फैसले का आम आदमी पर क्या असर होगा। अगर खबर में कोर्ट का नाम, तारीख और आदेश का संक्षिप्त सार दिया गया है, तो आप जल्दी समझ पाएँगे कि यह आपके लिए क्यों जरूरी है।
कोर्ट संबंधी खबर देखते समय तीन आसान चीज़ चेक करें: किस अदालत ने फैसला दिया, फैसला कब हुआ, और क्या फैसला स्थायी है या अस्थायी (जैसे रोक)। यही तीन बातें अक्सर यह तय कर देती हैं कि खबर आपकी रोजमर्रा की ज़िंदगी पर कैसे असर डालेगी।
हमारा तरीका सरल है — किसी भी जज या फैसले की खबर पढ़ते समय पहला पैराग्राफ में सार ढूंढें, बाद में अगर विवरण चाहिए तो पूरा लेख पढ़ें। हर पोस्ट में कोशिश रहती है कि जजों के तर्क और फैसले के नतीजे साफ़-साफ़ बताये जाएँ।
क्या किसी करवाई पर सवाल है? टैग के नीचे दिए लेखों में अक्सर केस के आधार, अदालत के तर्क और नतीजे का विश्लेषण मिलता है। अगर किसी खबर में कानूनी शब्द दिखें तो हमने हमेशा सरल उदाहरण के साथ उसे समझाया है—ताकि आप तुरंत समझ सकें कि फैसला किस तरह असर कर सकता है।
अंत में, ध्यान रखें कि हम समाचार और सरल व्याख्या देते हैं, न कि कानूनी सलाह। किसी व्यक्तिगत कानूनी समस्या के लिए वकील से संपर्क करना सही रहेगा। अगर आप किसी जज से जुड़ी ख़ास खबर पर साफ़-सुथरा सार चाहते हैं, तो इस टैग के पोस्ट पढ़ें और कमेंट में अपने सवाल रखिए—हम आसान भाषा में जवाब देने की कोशिश करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाई कोर्ट जजों के लिए 11 नामों को दोहराया है। इस दोहराये हुए नामों में से कुछ हाई कोर्ट जज पहले से ही हाई कोर्ट में काम कर रहे थे। 11 जजों में से कुछ जज अन्य राज्यों में हाई कोर्टों में काम कर रहे थे। यह दोहराया हुआ नामों में से 5 जज अन्य राज्यों के हाई कोर्टों से आये हैं। इससे सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के हाई कोर्ट जजों के संख्या में वृद्धि हुई है।
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