क्या आपका स्मार्टफोन खेत के काम में भी मदद कर सकता है? हां, कर सकता है। यहां हम उन ऐप्स, खबरों और छोटे-छोटे तकनीकी कदमों की बात करते हैं जो असल में खेत की उपज और पैसे दोनों बचा सकते हैं। सीधे, आसान और आजमाए हुए सुझाव मिलेंगे — कोई फैंसी बात नहीं।
सबसे पहले कुछ भरोसेमंद ऐप्स: e-NAM से मंडी भाव चेक करें, Kisan Suvidha से मौसम और फसल सलाह लें, mKisan पर सरकारी सूचनाएं मिलती हैं और Soil Health Card ऐप से मिट्टी की जानकारी मिल सकती है। इन ऐप्स को इंस्टॉल करने से पहले रिव्यू पढ़ें, भाषा सेट हिंदी या स्थानीय भाषा रखें, और ऑफलाइन फ़ीचर देखें ताकि नेटवर्क न होने पर भी काम चल सके।
ऐप इस्तेमाल करते वक्त ये ध्यान रखें: अनावश्यक अनुमति न दें, ओटीपी और बैंक पिन किसी को न बताएँ, और अपडेट नियमित रखें। अगर कोई ऐप मंडी भाव बहुत ऊँचा दिखाकर खरीदारी की सलाह दे रहा है तो सावधानी बरतें—पहले स्थानीय मंडी से क्रॉस-चेक करें।
मौसम के लिए IMD का ऐप या विश्वसनीय स्थानीय मौसम सेवा देखें; फसल लगाने और सिंचाई का समय यही तय करता है। मंडी भाव रोज़ चेक करने के लिए मोबाइल पर नोटिफिकेशन सेट कर लें ताकि सही समय पर बिक्री कर सकें।
डिजिटल पेमेंट और UPI ने लेन-देन आसान बना दिया है — ग्राहक को तुरंत पैसे चाहिए तो UPI का उपयोग करें। बीज, उर्वरक या मशीनरी खरीदते समय ऑनलाइन रेट और लोकल रेट दोनों जाँच लें, और बिल ज़रूर रखें। छोटे बैकअप पावर (पावरबैंक) और सोलर चार्जर से दिनभर फोन चालू रखें।
किसानी में टेक का फायदा तभी साफ दिखेगा जब आप सरल नियम अपनाएँ: भरोसेमंद सोर्स चुनें, जानकारी को क्रॉस-चेक करें, और स्थानीय एसोसिएशन से जुड़ें। WhatsApp ग्रुप में मंडी सेल या खरीदारी के पोस्ट पर जल्दी निर्णय लेने से अच्छा दाम मिलता है, पर अफवाहों पर तुरंत भरोसा न करें।
अगर फसल में कीट या बीमारी दिखे तो पहले फोटो लेकर कृषि विशेषज्ञ को भेजें; कई ऐप और सर्विसेज ऐसे फीडबैक देती हैं जो क्षेत्रीय कीटों के लिए असरदार होते हैं। और हाँ, सरकारी योजनाओं जैसे PM-KISAN, फसल बीमा और सब्सिडी की जानकारी मोबाइल से समय पर लें—ये सीधे आपकी आमदनी पर असर डालते हैं।
यह टैग पेज उन किसानों के लिए है जो टेक का सरल और व्यावहारिक इस्तेमाल सीखना चाहते हैं। हर खबर और पोस्ट में आप ऐसे कदम पाएँगे जो सीधे खेत पर लागू हों। अगर आप भी खेत से जुड़े सवाल रखते हैं, तो हमारे लेख पढ़िए और अपने अनुभव साझा कीजिए — छोटे-छोटे बदलाव बड़ा फर्क डालते हैं।
 
                                                                
                                 राजस्थान हाई कोर्ट ने अपने आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से रोक प्राप्त की। यह आदेश राजस्थान के कई किसानों को देने के लिए है जो किसानों को नुकसान पहुंचाने वाले नियमों के खिलाफ प्रतिबद्ध हैं। यह आदेश एक विशेष कार्यक्रम के रूप में आपूर्ति के रूप में किसानों को आय देने के लिए मान्यता प्राप्त की है।
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