सड़क पर अक्सर ऐसे कुत्ते देखे जाते हैं जो घर वाले नहीं होते, यानी आवारा कुत्ते। ये न केवल ट्रैफ़िक में बाधा बनते हैं, बल्कि कभी‑कभी लोगों को डरा भी सकते हैं। तो सवाल ये उठता है – क्या किया जाए? इस लेख में हम कुछ व्यावहारिक कदम बताएँगे जो आप रोज़मर्रा में अपना सकते हैं।
पहले तो यह समझना ज़रूरी है कि कुत्ता सच‑मुच आवारा है या किसी का पालतू, जो डोर से भाग गया हो। अगर कुत्ता भुंक‑भुंक कर आगे‑पीछे नहीं जा रहा, तो वह सम्भवतः डर गया है। ऐसे में सीधे हाथ बढ़ाकर उसे पकड़ने की कोशिश न करें, क्योंकि वह घबरा सकता है और हमला कर सकता है। बेहतर है कि थोड़ा पीछे हटें, आंखें मिलें नहीं और धीरे‑धीरे दूरी बनाए रखें। अगर कुत्ता आपके पास से दूर नहीं जा रहा, तो एक स्टिक या छड़ी से उसके ध्यान को दूर कर दें।
सबसे प्रभावी कदम है स्थानीय पशु नियंत्रण विभाग, नगर पालिका या नॉन‑प्रॉफिट एनजीओ को रिपोर्ट करना। अधिकांश शहरों में एसी एजेंसियां होती हैं जो आवारा कुत्ते पकड़ कर नर्वस या दान पर रख सकती हैं। फोन पर स्थान, कुत्ते की संख्या और उनके व्यवहार का संक्षिप्त विवरण दें। कुछ जगहों पर आप खुद भी स्नैपशॉट या वीडियो भेज कर मदद को तेज़ बना सकते हैं।
अगर आपके इलाके में एसोसिएशन सक्रिय है, तो आप स्वयं उनका सहयोग कर सकते हैं—जैसे कुत्ते को ढीले में खाने‑पीने का पानी देना, या अस्थायी आश्रय बनाना। लेकिन याद रखें, कोई भी भोजन देना कुत्ते को और आकर्षित नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे समस्या बड़े पैमाने पर बढ़ सकती है।
अंत में, अगर आप कुत्ते को बचाने की सोच रहे हैं, तो पहले विचार करें कि आपका घर या पड़ोस में पर्याप्त जगह है या नहीं। कुत्ते को उचित चिकित्सा, टीका और पालतू बनाते समय उनका उचित देखभाल बहुत ज़रूरी है। अगर आप तैयार नहीं हैं, तो यह काम पेशेवर पुनर्वास केंद्र को सौंपना ही बेहतर रहेगा।
आपको बस इतना ही करने की ज़रूरत है – सुरक्षित दूरी रखें, सही अधिकारियों को रिपोर्ट करें और जरूरत पड़े तो मदद के लिए स्थानीय एनजीओ के साथ मिलें। इस तरह आवारा कुत्तों की समस्या धीरे‑धीरे कम होगी और आपके शहर की सड़कों पर सबको सुरक्षित महसूस होगा।
दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर तनाव बढ़ गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल शेल्टर, फीडिंग जोन को रिहायशी इलाकों से दूर करने और पीड़ितों को मुआवज़ा देने की मांग कर रहे हैं। नोएडा में बाइट केस तेज़ी से बढ़े हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हाई-रिस्क इलाकों से 5,000 कुत्ते पकड़ने और डॉग पाउंड बनाने का निर्देश दिया है, जबकि पशु अधिकार समूह विस्थापन का विरोध कर रहे हैं।
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