अचानक कुत्ता काट ले, तो घबराना स्वाभाविक है। लेकिन घबराने से ज़्यादा जरूरी है कि आप सही कदम उठाएँ। सही कार्रवाई न केवल चोट को कम करती है, बल्कि बाद में कानूनी जटिलताएँ भी बचाती है।
कुत्ता के बाइट के बाद सबसे पहला काम है घाव को साफ करना। गुनगुने पानी से दो‑तीन मिनट तक धोएँ, फिर एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएँ। अगर खून बहुत ज़्यादा बह रहा हो, तो दबाव वाले कपड़े या बैंडेज से धीरे‑धीरे दबाएँ। दर्द कम करने के लिए ओवर‑द थाउज़र पेनकिलर (जैसे पैरासिटामोल) ले सकते हैं, लेकिन एसेटामिनोफ़ेन से बचें अगर आप एंटी‑कोआगुलेंट लेना चाहते हैं।
साफ‑सफ़ाई के बाद, तुरंत डॉक्टर के पास जाएँ। डेंजरस बाइट से टेटनस, रेबीज़ या स्ट्रेप्टोकॉकस जैसी संक्रमण हो सकती है, इसलिए एंटीबायोटिक और टीका लगवाना जरूरी है। डॉक्टर से रेबीज़ प्रोफिलैक्टिक वैक्सीन की सलाह लेना मत भूलें, खासकर अगर कुत्ता का टीकाकरण पता नहीं है।
चिकित्सा ध्यान के साथ-साथ, एक कानूनी कार्रवाई भी शुरू करनी चाहिए। पहली बार, स्थानीय पुलिस या नगर निगम के पशु विभाग को बाइट की रिपोर्ट करें। रिपोर्ट में दिन‑समय, स्थान, कुत्ते की पहचान (जाति, रंग, मालिक का पता) और चोट का विस्तृत विवरण लिखें। यह दस्तावेज़ बाद में मुकदमे में बहुत काम आता है।
अगर कुत्ता बेजान या अज्ञात मालिक वाले जगह से आया हो, तो आप स्थानीय नगर निगम से "बाइट केस" फ़ॉर्म भर सकते हैं। यह फ़ॉर्म साक्ष्य के रूप में काम करेगा और कुत्ते की क्वारंटाइन भी तय कर सकता है।
कानूनी तौर पर, आप नुकसान की भरपाई (हॉस्पिटल खर्च, काम का नुकसान, दर्द‑सहना) के लिये केस फ़ाइल कर सकते हैं। अगर कुत्ते का मालिक लापरवाह रहा या जानबूझकर कुत्ते को रोका नहीं, तो वो जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। कई हाई कोर्ट ने बताया है कि मालिक को कुत्ते की व्यवहारिक रिपोर्ट रखना और जरूरी लाइसेंस लेना अनिवार्य है।
कुछ मामलों में, अदालत से "निलंबन आदेश" भी मिल सकता है, जिससे कुत्ते को नियंत्रित या बंद करने का आदेश दिया जाता है। इस दौरान, आप वकील से सलाह लेकर उचित केस दाखिल कर सकते हैं। याद रखिए, साक्ष्य मजबूत रखने के लिए डॉक्टर का रिफ़रल, फोटोग्राफ़, और पुलिस रिपोर्ट सभी जरूरी हैं।
अंत में, भविष्य में बाइट से बचने के लिए सावधानी बरतें। कुत्तों के निकट जाने से पहले उनके मालिक से पूछें, अचानक तेज़ गति से हाथ ना बढ़ाएँ, और भौंकते या असहज दिखने वाले कुत्ते से दूर रहें। छोटी‑छोटी सावधानियों से बड़ी चोटें रोकी जा सकती हैं।
कुत्ता काटने के बाद सही कदम उठाकर आप न सिर्फ अपनी सेहत बचा सकते हैं, बल्कि अपने कानूनी अधिकारों को भी सुरक्षित रख सकते हैं। अगर आप संदेह में हैं, तो तुरंत डॉक्टर और वकील से संपर्क करें।
दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर तनाव बढ़ गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल शेल्टर, फीडिंग जोन को रिहायशी इलाकों से दूर करने और पीड़ितों को मुआवज़ा देने की मांग कर रहे हैं। नोएडा में बाइट केस तेज़ी से बढ़े हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हाई-रिस्क इलाकों से 5,000 कुत्ते पकड़ने और डॉग पाउंड बनाने का निर्देश दिया है, जबकि पशु अधिकार समूह विस्थापन का विरोध कर रहे हैं।
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