जब बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हो, तो सबसे पहले भारत के प्रधानमंत्री, 2014 से सत्ता में याद आते हैं। उनका नाम नमो भी सुनते ही देश‑विदेश में तेज़ी से बदलते नीतियों की झलक मिलती है। मोदी जी ने डिजिटल इंडिया जैसी पहल को तेज़ किया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी इंटरनेट की पहुंच बढ़ी। साथ ही, उन्होंने आत्मनिर्भर भारत, स्थानीय उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने वाला राष्ट्रीय मिशन को राष्ट्रीय एजेंडा में रखा, जिससे छोटे उद्योगों को नई ऊर्जा मिली। ये सभी आंदोलन मिलकर भारत को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर एक नई पहचान दिला रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विश्वास है कि विदेश नीति, रचनात्मक कूटनीति और आर्थिक साझेदारी पर आधारित आर्थिक सुधारों को गति देती है, जबकि आर्थिक सुधार, कर छूट, उत्पादन में आसानियां, स्टार्ट‑अप समर्थन देश के विकास को स्थिर बनाते हैं। इस दिशा में, उन्होंने GST के एकीकृत कर प्रणाली को लागू किया, जिससे व्यापार के प्रोसेस कम जटिल हुए। इसी तरह, पर्यटन अभियान, विस़िट इंडिया के तहत मुख्य आकर्षण ने विदेशी यात्रियों को भारत के सांस्कृतिक धरोहर की ओर आकर्षित किया, जो सीधे विदेशी मुद्रा आय में वृद्धि लाता है। इस प्रकार, डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, विदेश नीति और आर्थिक सुधार सभी एक-दूसरे को सुदृढ़ करते हैं।
नीचे दी गई सूची में हम उन लेखों को पेश करेंगे जो इन सभी पहलुओं को विस्तार से बताते हैं – चाहे वह ऑस्ट्रेलिया में भारत के खेल की तैयारी हो, चाहे नई रक्षा भर्ती की घोषणा, या फिर इलेक्ट्रिक वाहन जैसे VinFast की भारतीय लॉन्चिंग। हर पोस्ट में मोदी जी की भूमिका, नीति‑निर्माण की पृष्ठभूमि और वास्तविक प्रभाव को समझाया गया है। इस संग्रह को पढ़कर आपको पता चलेगा कि कैसे एक नेत्रित्व के तहत विविध क्षेत्रों में गति आती है और पाठक को नई दृष्टि मिलती है। अब आगे बढ़िए और देखें कि इस बदलते भारत में नरेंद्र मोदी के कदमों का क्या मतलब है।
12 अक्टूबर 2025 को मोदी ने ₹42,000 करोड़ की कृषि योजना, पाकिस्तान आयात पर बंदी, और गोआ में भगदड़ जैसी घटनाओं से भारत का राजनैतिक व सामाजिक परिदृश्य बदल गया।
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